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Bhavantar Bharpai Yojana: किसानों को नुकसान की भरपाई अब सरकार करेगी, जानिए पूरी जानकारी

By Kaish Alam

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Bhavantar Bharpai Yojana

भवंतर भरपाई योजना क्या है? हरियाणा सरकार की बड़ी सौगात किसानों के लिए

Bhavantar Bharpai Yojana: हरियाणा सरकार ने राज्य के किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और बाजार में फसलों के घटते दाम से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए “भवंतर भरपाई योजना” की शुरुआत की है। यह योजना उन किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है, जिन्हें मंडियों में अपनी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पाता।

किसानों की आम शिकायत रहती थी कि मंडियों में जब वे फसल बेचते हैं तो दाम इतना कम मिलता है कि लागत भी नहीं निकलती। ऐसे में सरकार ने तय किया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और बाजार में मिले दाम के बीच जो अंतर है, वो राज्य सरकार खुद वहन करेगी। यही है भवंतर भरपाई योजना की सबसे बड़ी खासियत।

किसानों को मिलेगा एमएसपी और बाजार रेट के बीच का पूरा अंतर जानिए कैसे

इस योजना के तहत जब कोई किसान मंडी में अपनी फसल बेचता है और बाजार में उसका मूल्य सरकारी तय MSP से कम होता है, तो सरकार उस अंतर की राशि खुद किसान के खाते में भेजती है। इससे किसान को घाटा नहीं होता और उसकी मेहनत की सही कीमत उसे मिलती है।

उदाहरण के तौर पर अगर मूंग की एमएसपी ₹7000 प्रति क्विंटल है और मंडी में उसे ₹6200 ही मिलते हैं, तो ₹800 का अंतर सरकार द्वारा भरपाई के रूप में दिया जाता है। यह अंतर किसान के रजिस्टर्ड बैंक खाते में DBT (Direct Benefit Transfer) के ज़रिए भेजा जाता है।

इन फसलों के लिए हरियाणा सरकार दे रही है भरपाई की राशि

भवंतर भरपाई योजना में हर साल कुछ खास फसलों को शामिल किया जाता है, जिनमें आमतौर पर बाजरा, सूरजमुखी, मूंग, उड़द, अरहर, सरसों जैसी फसलें होती हैं। ये वे फसलें हैं जिनकी कीमत बाजार में अक्सर गिरती रहती है और किसानों को सीधा नुकसान होता है।

हरियाणा सरकार कृषि विभाग के जरिए हर सीजन से पहले उन फसलों की घोषणा करती है जिन्हें योजना में शामिल किया जाएगा। किसान उसी के अनुसार अपनी फसल की जानकारी रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर भरते हैं।

रजिस्ट्रेशन का तरीका जानिए कैसे लें योजना का पूरा फायदा

इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को “मेरी फसल मेरा ब्यौरा” पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण कराना होता है। पोर्टल पर फसल से संबंधित पूरी जानकारी, खेत की भूमि रिकॉर्ड, बैंक खाता नंबर और मोबाइल नंबर जैसी जानकारी भरनी होती है।

रजिस्ट्रेशन की पुष्टि के बाद किसान को मंडी में फसल बेचनी होती है और रसीद को पोर्टल पर अपलोड करना होता है। उसके बाद विभाग उस रसीद और फसल के दाम की जांच करता है और भरपाई की राशि का भुगतान कर देता है।

सीधे बैंक खाते में आती है भरपाई की राशि पारदर्शी है पूरी व्यवस्था

इस योजना की एक और बड़ी खासियत यह है कि भुगतान की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है। किसान को किसी अफसर या बिचौलिए के पास नहीं जाना पड़ता। सरकार सीधे किसान के बैंक खाते में भरपाई की राशि भेजती है।

राज्य सरकार का दावा है कि इस योजना के जरिए हजारों किसानों को करोड़ों रुपये की भरपाई दी गई है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है और बाजार की अनिश्चितता से कुछ हद तक राहत मिली है।

Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों और सार्वजनिक जानकारियों पर आधारित है। किसी भी योजना में आवेदन करने से पहले संबंधित सरकारी कार्यालय या आधिकारिक वेबसाइट से पुष्टि अवश्य करें। लेख में दी गई जानकारी की सटीकता या अद्यतन स्थिति के लिए हम उत्तरदायी नहीं हैं। योजना से संबंधित नियम व शर्तें समय-समय पर बदल सकती हैं।

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